ऐसा कई बार दावा किया जा चुका है कि दुनिया में कई ऐसे प्राचीन स्थल मौजूद हैं जहां बेशक़ीमती ख़ज़ाना गढ़ा हुआ है. साथ ही यह भी कहा जाता है कि इन ख़ज़ानों को पाने में इंसानी प्रयास हमेशा विफल रहे हैं. इसके अलावा, ऐसे गढ़े ख़ज़ानों को लेकर ऐसी भी बातें सामने आई हैं कि कोई अदृश्य शक्ति इन्हें इंसानी हाथों में आने देना नहीं चाहती. अब यह अंधविश्वास है या हक़ीक़त, कुछ नहीं कहा जा सकता. ऐसे स्थल हमेशा से ही रहस्य का विषय रहे हैं.
सोन भंडार गुफ़ा
यह रहस्यमयी गुफ़ा है बिहार के राजगीर में, जिसे लेकर दावा किया जाता है कि यहां प्राचीन काल के दौरान का लाखों टन बेशक़ीमती ख़ज़ाना गढ़ा हुआ है. लेकिन, इस ख़जाने तक कोई भी नहीं पहुंच पाया है.
बिंबिसार का ख़जाना
इस रहस्यमयी ख़ज़ाने का संबंध मगध के राजा बिंबिसार से बताया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि जब बिंबिसार के पुत्र अजातशत्रु ने उन्हें बंदी बना लिया था, तो उनकी पत्नी ने अपने पति का सभी ख़ज़ाना यहां छुपा दिया था.
दो बड़े कमरों का निर्माण
ऐसा माना जाता है कि ख़ज़ाने की सुरक्षा के लिए बिंबिसार की पत्नी ने गुफ़ा में दो गुप्त कमरों का निर्माण करवाया था. एक कमरे में ख़ज़ाना रखा गया था, जबकि दूसरे कमरे में ख़ज़ाने की सुरक्षा के लिए सैनिक रहा करते थे.
बड़ी चट्टान से कमरे को ढका गया था
वहीं, कहा जाता है कि ख़जाने वाले कमरे को एक बड़ी चट्टान से ढक दिया गया था, ताकि कोई भी कमरे के अंदर दाख़िल होने न पाए. जानकर हैरानी होगी कि यह चट्टान इतनी मज़बूत है कि कोई इसे अपनी जगह से हटा नहीं पाया है.
अंग्रेज़ों ने भी किया था प्रयास
इस दबे ख़ज़ाने को पाने के लिए अंग्रेज़ भी कर चुके हैं प्रयास. कहा जाता है कि ख़ज़ाने के द्वार को खोलने के लिए अंग्रेज़ों ने तोप तक का सहारा लिया था. अंग्रेज़ों ने ख़ज़ाने के द्वार पर तोप के कई गोले दाग़े, लेकिन उनके सारे प्रयास विफल रहे. आज भी चट्टान पर दाग़े गए गोलों के निशान देखे जा सकते हैं.
शंख लिपि
ख़ज़ाने के इस गुफ़ा की दीवार पर शंख लिपि में कुछ लिखा है, लेकिन इसे आज तक कोई पढ़ नहीं सका. वहीं, इस शंख लिपि के बारे में कहा जाता है कि इसमें ख़ज़ाने के द्वार को खोलने का राज़ लिखा गया है.