Who is P C Solanki: बॉलीवुड एक्टर मनोज वाजपेयी की फ़िल्म ‘सिर्फ एक बंदा काफ़ी है’ का ट्रेलर हाल ही में रिलीज़ हुआ. फ़िल्म में मनोज एक वकील पीसी सोलंकी का क़िरदार निभा रहे हैं, जो एक नाबालिग लड़की के रेप का केस लड़तें हैं. जिसके चलते आसाराम बापू (Asaram Bapu) को जेल जाना पड़ता है. (Manoj Bajpayee Sirf Ek Bandaa Kaafi Hai)

हालांकि, फ़िल्म को लेकर काफ़ी विवाद भी हो रहा है, क्योंकि, आसाराम बापू ट्रस्ट ने फ़िल्म मेकर्स को लीगल नोटिस भेजा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, आसाराम बापू के वकील ने फ़िल्म के प्रोमोशन के साथ इसके रिलीज़ पर रोक लगाए जाने की मांग की है. (Manoj Bajpayee Upcoming Movie)

ऐसे में आइए जानते हैं कि कौन है वकील पीसी सोलंकी, जिन्होंने नाबालिक लड़की के रेप का केस लड़कर आसाराम को जेल पहुंचाया था.

Who is P C Solanki Manoj Bajpayee Sirf Ek Bandaa Kaafi Hai

कौन हैं पीसी सोलंकी?

साल 2013 में एक नाबालिग लड़की ने आसाराम पर रेप का आरोप लगाया था. इस केस को पीसी सोलंकी ने ही लड़ा था, जिनका पूरा नाम पूनम चंद सोलंकी (Lawyer Poonam Chand Solanki) है. पीसी सोलंकी ने ना सिर्फ़ ये बड़ा और मुश्किल केस लड़ा, बल्क़ि मासूम को इंसाफ़ भी दिलवाया.

आसाराम की तरफ़ से देश के नामचीन और दिग्गज वकीलों ने केस की पैरवी की. इन वकीलों के सामने पीसी सोलंकी ने बड़ी सूझ-बूझ के साथ विक्टिम का पक्ष रखा और बिना डरे केस को अंजाम तक पहुंचाया. पीसी सोलंकी ने हर बार आसाराम के वकील को शिकस्त दी. जिरह पूरी होने में तक़रीबन तीन साल लग गए. आसाराम का हर दांव फ़ेल हो गया.

लालच से लेकर धमकियां तक मिली, मगर नहीं मानी हार

केस के दौरान पीसी सोलंकी को पीछे हटने के लिए लालच और धमकियां भी मिलीं, लेकिन उन्होंने इसकी परवाह नहीं की. पीसी सोलंकी के परिवार को जान से मारने की धमकियां मिलीं. उनके खिलाफ़ कोर्ट में पर्चे बांटे गए. इन सबके बीच 23 मई, 2014 को मामले में गवाह अमृत प्रजापति की गोली मारकर हत्या कर दी गई. मामले में कई और गवाहों पर भी हमले हुए थे. कई लोगों को धमकी दी गई. 13 फरवरी, 2015 को गवाह राहुल सचान पर जोधपुर कोर्ट के बाहर जानलेवा हमला हुआ.

पीसी सोलंकी बताते हैं कि आसाराम के समर्थक उनके रिश्तेदारों के ज़रिए उन्हें खरीदने का प्रयास करने लगे. ऐसी बातें सुनकर पिता ने कहा केस हाथ में ले चुके हो, पूरा लड़ना, कोई दाग नहीं लगना चाहिए. घर में बूढ़े माता-पिता और पांच साल का बेटा था. बेटे को स्कूल के लिए तैयार करने, पहुंचाने, पैरेंट्स मीटिंग भी अटेंड करनी होती थी. ऐसे में स्कूल की टीचर उषा देवड़ा ने उनसे कहा कि आप अपने बेटे की चिंता छोड़ दें, उसके लिए हम हैं. आप सिर्फ उस बेटी काे न्याय दिलाइए.

पीसी सोलंकी कहते हैं कि उनकी नींद चली गई थी. अचानक आंख खुलती और किताबों से साइटेशन व नए कानूनों को डायरी पर लिखना शुरू कर देते थे. बता दें, केस की सुनवाई के दौरान मिली धमकियों के चलते लंबे समय तक परिजनों को भी पुलिस सुरक्षा में रहना पड़ा.

आख़िरकार, पीसी सोलंकी की हिम्मत और मेहनत ज़ाया नहीं गई. 25 अप्रैल, 2018 को आसाराम को नाबालिग से रेप का दोषी करार दिया जाता है. आसाराम को आजीवन कारावास की सज़ा मिली. जब आसाराम को सजा के एलान के बाद पीसी सोलंकी पीड़िता के घर पहुंचे तो उनकी मां ने उन्हें आशीर्वाद के रूप में 100 रुपये भी दिए थे.

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