‘अबे कहां रह गए यार तुम? 20 मिनट में पहुंचने वाले थे, 30 मिनट हो गए.’
‘Sorry Sir, ट्रैफ़िक में फंसा हूं.’
‘जल्दी आओ, वरना कंप्लेन कर दूंगा.’
‘नहीं सर मत करिएगा, सॉरी सर, अभी आता हूं सर. सॉरी सर.’
10 मिनट खाना पहुंचाने में देर होने पर ये शख़्स जिसे धमकी दे रहा है, उसे हम सभी जानते होंगे. मेड के न आने पर, हाउस-पार्टी में, किसी को सरप्राइज़ देना हो तो यही शख़्स हमारा काम करता है. देर होने पर सॉरी का अंबार लगाने वाला, लिफ़्ट ख़राब होने पर 5-6 फ़्लोर चढ़ कर खाना देनेवाला डिलीवरी बॉय.
Zomato, Swiggy, Food Panda वाले इन्हें शिष्टाचार, कस्टमर से कैसे बात करना है और थोड़ी-बहुत अंग्रेज़ी सिखा देते हैं. काश वो खाना के पैकेट लेने वालों को भी ज़रा अच्छे से बर्ताव करना सिखा पाते!
कुछ दिनों पहले Zomato के एक डिलीवरी बॉय का ये वीडियो वायरल हुआ:
वीडियो वायरल होने के बाद Zomato को सफ़ाई आश्वासन देना पड़ा और इस शख़्स न अपनी नौकरी भी खो दी.
इस घटना के बाद लोग दो गुटों में बंट गए. एक वो जो इस शख़्स को गुनहगार बता रहे थे और इसका मज़ाक उड़ा रहे थे और दूसरे वो जो इसे बेगुनाह बता रहे थे और डिलीवरी करनेवालों के हक़ में बात कर रहे थे.
उस व्यक्ति की जो भी मजबूरी हो लेकिन शायद ही उसे पता हो कि पैकेज से थोड़ा सा खा लेने से उसकी नौकरी चली जाएगी.
एक सवाल है आप सबके लिए, कितनी बार आपने किसी डिलीवरी बॉय से पानी के लिए पूछा है? अब इसमें कुछ लोग कहेंगे कि घर के अंगर बुलाने पर रिस्क रहेगा, ठीक है बाहर खड़े रखकर ही कितनी बार पूछा है?
बहुत कम लोग ही इस सवाल का उत्तर दे पाएंगे. पानी पूछना दूर की बात है, हज़ारों रुपए देकर ऑनलाइन खाना मंगाने वाले 10 रुपए टिप भी नहीं दे पाते. ख़ैर, ये आपका निजी फै़सला है.
कभी सोचा है सर्दी, गर्मी, बरसात में बिना अपनी परवाह किए वो जो आपकी भूख का इंतज़ाम करता है वो किन हालातों से गुज़र रहा होगा? ठंड में ठिठुरते हुए रात के 1-2 बजे भी वो खाना देने आता है, सिर्फ़ एक पतली सी जैकेट पहनकर, बाइक भगाते हुए आप तक पहुंचता है. वैसे ही गर्मियों में धूप और लू की और बारिश में भीगने की परवाह किए बिना वो जल्द से जल्द आप तक पहुंचने की कोशिश करते हैं.
बदले में उन्हें हम क्या देते हैं? देर से आने के लिए डांट देते हैं या फिर शिकायत करने की धमकी. लेकिन खाना डिलीवरी करने वाले कई बार कुछ अलग कर गुज़रते हैं. मुंबई के ESIC अस्पताल में लगी आग में एक डिलीवरी बॉय ने 10 ज़िन्दगियां बचाई थी.
Reddit पर एक यूज़र ने बताई थी कहानी कि किस तरह एक डिलीवरी बॉय की मुस्कुराहट ने उसे आत्महत्या करने से रोक लिया था.
क्या हमारा फ़र्ज़ नहीं बनता जो इतनी ज़हमत उठाकर हमारी भूख शांत करने के लिए पहुंचते हैं, उनके साथ ढंग से पेश आए और उन पर धौंस न जमाए?
इस विषय पर आपकी राय भी अहम है, अपनी राय कमेंट बॉक्स में ज़रूर दें.