भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक से बढ़कर एक क्रिकेटर्स हुए हैं, जिन्होंने वर्ल्ड क्रिकेट में राज किया है. सुनील गावस्कर, कपिल देव, सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली, अनिल कुंबले, जवागल श्रीनाथ, महेंद्र सिंह धोनी, विराट कोहली और रोहित शर्मा समेत कई अन्य भारतीय क्रिकेटरों ने दुनिया भर में भारत का नाम रौशन किया है. आज रिटायरमेंट के बाद भी इन क्रिकेटर्स को याद किया जाता है. लेकिन भारत में ऐसे कई क्रिकेटर हुए हैं जिनके क्रिकेट करियर की शुरुआत अच्छी नहीं रही, लेकिन बाद में वो अपनी मेहनत से दुनिया के बेस्ट क्रिकेटर बने.

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आज हम भारतीय क्रिकेट के एक ऐसे सितारे की बात करने जा रहे हैं, जिनकी इंटरनेशनल क्रिकेट में शुरुआत बेहद ख़राब रही. वो अपने पहले ही मैच में 1 रन बना कर आउट हो गए थे, लेकिन बाद में दुनिया के सबसे सफ़ल क्रिकेटर बने. 90 के दशक में अपने करियर की शुरुआत करने वाले इस क्रिकेटर ने असली नाम 2000 के दशक में कमाया. अपने नाम कई बड़े रिकॉर्ड करने वाला ये क्रिकेटर उस दौर का सबसे ख़तरनाक बल्लेबाज़ माना जाता था.

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भारत के इस क्रिकेटर ने अपने बेख़ौफ़ अंदाज़ से क्रिकेट का स्वरुप ही बदल दिया था. ये जब मैदान पर उतरते थे तो विपक्षी बल्लेबाज़ इन्हें गेंदबाज़ी करने से घबराते थे. आज भी भारतीय क्रिकेट के 3 सबसे बड़े रिकॉर्ड इसी क्रिकेटर के नाम हैं. इन दिनों सोशल मीडिया पर भारतीय क्रिकेट के इस धुरंधर के बचपन की एक तस्वीर काफ़ी वायरल हो रही है. तस्वीर को देख आप इन्हें पहचान नहीं पाएंगे.

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चलिए अब ज़्यादा सस्पेंस न रखते दें कि वायरल तस्वीर में दिख रहा ये बच्चा कोई और नहीं, बल्कि नज़फगढ़ के नवाब वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) हैं.

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वीरेंद्र सहवाग ने साल 1999 को पाकिस्तान ख़िलाफ़ अपने इंटरनेशनल करियर की शुरुआत की थी. सहवाग ने 1 अप्रैल, 1999 को मोहाली में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ वनडे मुक़ाबले में डेब्यू किया था. वो अपने पहले मुक़ाबले में केवल 1 रन ही बना पाये थे. लेकिन इसके बाद वीरू ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और दुनिया के बेस्ट क्रिकेटर ही नहीं, बल्कि बेस्ट ओपनर भी बने.

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वीरेंद्र सहवाग ने हाल ही में एक पॉडकास्ट के दौरान अपने पहले मैच का ज़िक्र करते हुए कहा कि, जब वो बल्लेबाज़ी करने मैदान में उतर रहे थे तो बाउंड्री पर खड़े शाहिद अफ़रीदी उन्हें आधे ग्राउंड तक गालियां देते हुए ले गये. इसके बाद शोएब अख़्तर ने उन्हें गालियां देते हुए पिच तक छोड़ा. इस दौरान सहवाग पर इतने प्रेशर में आ गए कि वो शोएब अख़्तर की गेंद पर 1 रन बनाकर आउट हो गये. तब वीरु ने सोच लिया था कि वो एक दिन पाकिस्तान एक ऐसा रिकॉर्ड बनाएंगे जिसे पाकिस्तानी हमेशा याद रखेंगे.

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वीरेंद्र सहवाग ने ख़ुद से जो वादा किया उसमें पूरे 4 साल लग गये. आख़िरकार 28 मार्च 2004 को सहवाग ने वो कर दिखाया, जिसे टेस्ट क्रिकेट में कोई भारतीय बल्लेबाज़ नहीं कर पाया था. दरअसल, साल 2003-04 में भारतीय टीम पाकिस्तान दौरे पर थी. इस दौरान वीरेंदर सहवाग ने टेस्ट मैच में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ मुल्तान में 375 गेंदों में 309 रनों की पारी खेलकर इतिहास रच दिया था. इसीलिए उन्हें मुल्तान सुल्तान भी कहा जाता है. वीरू की इस पारी की बदौलत इस मैच में पाकिस्तान की करारी हार हुई थी.

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वीरेंद्र सहवाग टेस्ट क्रिकेट इतिहास में तिहरा शतक लगाने वाले पहले भारतीय क्रिकेटर थे. वीरेंदर सहवाग ने इसके बाद साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ भी टेस्ट मैच में 319 रनों की पारी खेली थी. आज भी टेस्ट क्रिकेट में 2 तिहरे शतक लगाने वाले वो इकलौते भारतीय हैं. टेस्ट क्रिकेट इतिहास में सबसे ज़्यादा तिहरे शतक लगाने का रिकॉर्ड डॉन ब्रेडमैन (2) वीरेंद्र सहवाग (2), क्रिस गेल (2) और ब्रायन लारा (2) के नाम है.

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