PK Banerjee: जब भी भारत में फ़ुटबॉल की बात होगी तो पी.के. बनर्जी का नाम ज़रूर लिया जाएगा. वो भारत के महान फ़ुटबॉल खिलाड़ी थे, जिन्होंने इंडियन टीम की कप्तानी भी की. पद्मश्री प्रदीप कुमार बनर्जी ने 1960 के रोम ओलंपिक में भारत की कप्तानी की.

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वो जकार्ता एशियाई खेल 1962 में स्वर्ण पदक जीतने वाले फ़ुटबॉल टीम का हिस्सा थे. उन्होंने भारत के लिए 84 मैचों में 65 गोल दागे थे. उनके खेल के इंडियन ही नहीं विदेशी लोग भी कायल थे.

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उनकी क़ाबिलियत ऐसी थी कि एक बार उन्होंने ब्लैक पर्ल के नाम से मशहूर महान फ़ुटबॉलर Pele की टीम को ड्रा खेलने को मजबूर कर दिया था. उस मैच से जुड़ा ये रोमांचक क़िस्सा हम आज आपके लिए लेकर आए हैं.

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ईडन गार्डन्स में हुआ था मैच

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बात 24 सितंबर, 1977 की है पश्चिम बंगाल का ईडन गार्डन्स स्टेडियम दर्शकों से खचाखच भरा था. ये कोई क्रिकेट मैच नहीं बल्कि फ़ुटबॉल मैच देखने आए दर्शकों की भीड़ थी. ये मैच था मोहन बागान और न्यूयॉर्क कॉसमॉस की टीम के बीच. पेले Cosmos की टीम का हिस्सा थे और इसी मैच के दौरान उनका सामना देश के दिग्गज फ़ुटबॉलर पीके बनर्जी से हुआ था.

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विरोधी टीम ने पहले दागा गोल

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मैच शुरू हुआ और Carlos Alberto Torres ने 17वें मिनट में गोल दाग कर अपनी टीम कॉसमोस को बढ़त दिला दी. लेकिन उसके कुछ ही मिनट बाद मोहन बागान के श्याम थापा ने गोल कर मैच को बराबरी पर ला दिया. इससे टीम का साहस कुछ बढ़ा. गौतम सरकार ने पेले को मार्क कर रखा था और उन्हें गोल करने का जल्दी कोई मौक़ा नहीं मिला.

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हाफ़ टाइम होने से पहले टीम ने एक और गोल दाग 2-1 की बढ़त ले ली. ये गोल अकबर ने मोहन बागान के लिए किया था. भारतीय दर्शक अपनी टीम की जीत की अटकलें लगाने लगे थे. उस दिन लगभग 75 हज़ार दर्शक ये मैच देखने आए थे. मगर विरोधी टीम के Changalia ने पेनल्टी में गोलकीपर बिस्वजीत दास को चकमा दे अपनी टीम लिए गोल कर बराबरी ला खड़ा किया.

पीके बनर्जी (PK Banerjee) ने बढ़ाया हौसला

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अभी भी काफ़ी समय बाकी था, बागान की टीम को लग रहा था कि वो हार जाएंगे, लेकिन पी.के. बनर्जी ने टीम को हौसला बनाए रखने के लिए कहा. उनके मार्गदर्शन में ही टीम ने न सिर्फ़ अगला गोल रोका बल्कि पेले की टीम को ड्रा खेलने को मजबूर कर दिया. कुछ ऐसा जलवा था उस वक़्त मोहन बागान की टीम और पी.के. बनर्जी का.

भारतीय टीम भले ही इन दिनों फ़ीफ़ा वर्ल्ड कप के लिए न क्वॉलीफ़ाइ कर पा रही हो, लेकिन मोहन बागान और पेले की टीम के बीच हुआ ये मैच आज भी दर्शकों को याद है.